Global Handwashing Day 2021: हाथ नहीं धोने पर हो सकती हैं ये 5 बीमारियां
हाथों में छिपे कीटाणु कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। जानें, जब आप हाथों को नहीं साफ करते हैं, तो कौन सी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर डायरिया (Diarrhoea) 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाले मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। डायरिया मुख्य रूप से वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। लगातार मल त्याग करना (Bowel movement), लूज स्टूल, मतली, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन इसके मुख्य लक्षण हैं। बारिश के मौसम में अक्सर डायरिया की समस्या बढ़ जाती है।
डायरिया को हिंदी में दस्त भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। यह समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित यह रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यह साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणुओं के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा, हार्मोनल विकार (Hormonal disorders), आंतों मे सूजन (inflammatory bowel disease), कुछ दवाओं के सेवन से भी यह हो सकता है। यदि आप प्रॉपर हाइजीन बनाए रखने के साथ ही स्ट्रीट फूड खाने से बचें और साफ-स्वच्छ पानी पिएं, तो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को रोका जा सकता है।
डायरिया को तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है। उनमे शामिल हैं:
एक्यूट डायरिया (Acute diarrhoea): यह डायरिया का सबसे कॉमन रूप है, जिसमें काफी लूज और पानी जैसे पतला दस्त होता है। आमतौर पर, शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थों के जाते ही यह समस्या खुद ब खुद कम हो जाती है।
लगातार होने वाला डायरिया (Persistent diarrhoea): इस तरह का दस्त दो से चार सप्ताह तक रहता है।
क्रोनिक डायरिया (Chronic diarrhoea): इस तरह का डायरिया चार सप्ताह से भी अधिक समय तक आपको परेशान कर सकता है।
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। हालांकि, डायरिया होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD): आईबीडी आंतों में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल में खून आना जैसे दस्त के लक्षण पैदा कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण आपकी बड़ी आंत और मलाशय (Rectum) के सबसे भीतरी लाइनिंग में अल्सर का कारण बनती है।
मालएब्जॉर्प्शन (Malabsorption): जब आपका पाचन तंत्र भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विफल हो जाता है, तो आपको डायरिया के लक्षण (diarrhoea symptoms) नजर आ सकते हैं।
दवाएं (Medicines): लैक्सेटिव्स और अन्य दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स के सेवन से भी डायरिया हो सकता है।
हार्मोनल विकार (Hormonal disorders): हार्मोन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर इर्रेगुलर बाउल मूवमेंट और अन्य डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन लोगों को एडिसन्स रोग (Addison's disease) होता है, उनमें हार्मोन स्टेरॉयड का लेवल अपर्याप्त होता है। ऐसे में इन्हें डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।
डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कारणों के आधार पर आपको डायरिया होने पर एक या इससे अधिक लक्षण नजर आ सकते हैं। डायरिया के कॉमन संकेत और लक्षण निम्न हैं:-
डायरिया होने पर निदान के लिए मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस समस्या को इसके लक्षणों के जरिए ही बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। हालाकि, कुछ टेस्ट के जरिए डायरिया होने के मुख्य कारणों का पता लगाया जाता है। ये टेस्ट इस प्रकार हैं:-
डायरिया का इलाज आपकी स्थिति की गंभीरता, डिहाइड्रेशन, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, डायरिया से जल्दी उबरने के लिए द्रव प्रतिस्थापन (fluid replacemen) की आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको अधिक से अधिक लिक्विड पदार्थ जैसे पानी और जूस लेना चाहिए। अधिक गंभीर मामलों में इंट्रावेनस इंजेक्शन के जरिए लिक्विड पदार्थों को शरीर में पहुंचाया जाता है। दवाओं के जरिए बाउल मूवमेंट को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। यदि डायरिया बैक्टीरिया के कारण हुआ है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स खाने के लिए दे सकता है। यदि यह पाचन से संबंधित किसी समस्या के कारण हो रहा है, तो इलाज भी उसी आधार पर तय किया जाएगा।
आप जो कुछ भी खाते हैं, वह डायरिया के लक्षणों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि, इस समस्या के होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए खुद को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। इसके अलावा, डायरिया होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें, क्योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन ना करें, क्योंकि इससे पेट फूल सकता है। डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, चाय और कॉफी भूलकर भी ना लें। डायरिया में लो-फाइबर युक्त डायट लेना हेल्दी हो सकता है। आलू, व्हाइट राइस भोजन में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
कई ऐसे कारक या फैक्टर्स हैं, जिससे डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ एहतियाती उपायों को अपनाकर आप इस संक्रमण से खुद को बचाए रख सकते हैं।
गुड हाइजीन: टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से धोएं। इसके अलावा, खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में भी अपने हाथों को साफ करना कभी ना भूलें।
टीका लगवाएं: डायरिया होने का मुख्य कारण है रोटावायरस। रोटावायरस वैक्सीन के जरिए डायरिया से बचा जा सकता है। यह वैक्सीन विभिन्न खुराकों में बच्चों (1 वर्ष) को दिया जाता है।
भोजन को सही तरीके से स्टोर करें: बचे हुए भोजन और अन्य खाने-पीने की चीजों को फ्रिज में रखें। खाने और पकाने से पहले कच्चे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से पानी से धोएं। ऐसी कोई भी चीज न खाएं, जो खराब हो गई हो। डायरिया संक्रमण से बचने के लिए इन सभी फूड सेफ्टी उपायों को हमेशा फॉलो करें।
अपने खानपान के प्रति सावधान रहें: स्ट्रीट फूड्स और नल का पानी कीटाणुओं का मुख्य केंद्र होता है, जो डायरिया का कारण बन सकता है। बाहर खाने जा रहे हैं, तो किसी विश्वसनीय फूड ज्वॉइंट्स में ही जाएं। यात्रा के दौरान बॉटल का पानी ही पिएं। घर पर वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
हाथों में छिपे कीटाणु कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। जानें, जब आप हाथों को नहीं साफ करते हैं, तो कौन सी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
बिहार के औरंगाबाद जिले के नाथू बीघा गांव में बच्चों समेत 40 से अधिक ग्रामीणों के डायरिया (Diarrhea outbreak in Bihar) से पीड़ित होने की खबर है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी नगरपालिका क्षेत्र में मंगलवार को दो लोगों की मौत डायरिया के कारण (Diarrhea in West Bengal) हो गई। वहीं, लगभग 78 अन्य लोगों में डायरिया के शुरुआती और गंभीर लक्षणों के नजर आने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
डायरिया होने के कई कारण होते हैं। इन कारणों को जानकर आप कुछ घरेलू उपचार में हर्बल टी का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
गोंद का सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक चीजों, दवाओं को बनाने में उपयोग किया जाता है। गोंद कतीरा रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के साथ सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखकर कई रोगों से बचाता है।
मौसम में बदलाव होने पर बच्चों को डायरिया बहुत जल्दी अपना शिकार बनाता है। दस्त के साथ उल्टी पेट में संक्रमण का संकेत हो सकते हैं, इसलिए सावधान रहें। जब भी बच्चे का मल पतला निकले या उसे उल्टी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
दस्त लगना या डायरिया होना एक आम स्थिति है। यह शिशुओं से लेकर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। ऐसी स्थिति में तले भुने और कड़े भोजन के सेवन से बचना चाहिए। दस्त लगने पर जितना हो सके लिक्विड चीजों का सेवन करें। आज इस लेख में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि डायरिया होने पर किन चीजों का सेवन किया जा सकता है।
डायरिया होने के कारणों में कैंसर के उपचार जैसे किमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी से लेकर पेल्विस और बॉयोलॉजिकल थेरेपी तक हो सकते हैं। ये ट्रीटमेंट इसलिए डायरिया का कारण बनते हैं क्योंकि ये हेल्दी सेल्स को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा डायरिया इंफेक्शन, एंटीबायोटिक्स या कब्ज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा के कारण भी हो सकता है। आज हम डायरिया को सही करने के लिए डाइट प्लान बता रहे है।
पूरी दुनिया में दूषित या खराब खाद्य पदार्थ खाने से (Contaminated foods) लाखों लोग कई तरह की बीमारियों (Foodborne Diseases) की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप जो भी खाएं वह साफ हो। घर पर जो भी खाना बनाएं, वो अच्छी तरह से पका हुआ हो। जानें, कुछ फूडबॉर्न बीमारी के कारणों और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीकों के बारे में यहां...
सेब दो विपरीत स्वास्थ्य समस्याओं कब्ज और दस्त के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन तब, जब आप इसका सेवन दो खास तरीकों (how to eat apple) से करें।
जानें, कुछ ऐसे फूड कॉम्बिनेशन (Food combination) के बारे में, जिन्हें एक साथ खाना सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान...
जब आपको दस्त या अतिसार की बीमारी होती है, तो समझ में नहीं आता है कि क्या खाया (Foods For Diarrhoea) जाए? कैसा आपका खानपान (Diarrhoea fighter fruits) हो ताकि दस्त से जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाए। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि दस्त, आंव, पेचिश, अतिसार का इलाज जल्द नहीं किया जाएगा, तो शरीर में पानी की कमी हो सकती है। आपको कमजोरी महसूस हो सकती है। अधिकतर लोग दस्त होने पर गीला चावल, कच्चा केला, दही (foods that help fight diarrhea) आदि खाते हैं। आप चाहें, तो दस्त होने पर इन पांच फलों का सेवन (Fruits that help fight diarrhea) कर सकते हैं।
सर्दियों में बच्चों को कोल्ड डायरिया (Cold Diarrhea) होने का खतरा रहता है. हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार डायरिया या हैजा से बचने के लिए वैक्सिन कारगर होती है. सर्दी में होने वाले डायरिया या हैजा के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में माता-पिता को पता होना चाहिए.
अनार और इसका छिल्का पेचिश (Dysentery: causes, symptoms and treatment) से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे प्राकृतिक उपचार हैं, जो पेचिश या आंव की समस्या से दिलाते हैं छुटकारा।
डीहाइड्रेशन और उल्टी की समस्या से बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों की जानकारी रखनी चाहिए। आयुर्वेदिक घरेलू उपाय उल्टियों को तुरंत रोकने में मदद करने के साथ डीहाइड्रेशन की वजह से होने वाली परेशानी को ठीक करते हैं।
अच्छी तरह से हाथ धोना कई बीमारियों से बचने की पहली सीढ़ी होती है। इससे दिमागी बुखार, डायरिया, इन्फ्लूएंजा, हेपेटाइटिस ए आदि रोगों से बच्चा बचा रहता है।
दस्त से शरीर कमजोर हो जाती है। इसमें व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी, चक्कर आना और पेट दर्द जैसी समस्या होती है।
कच्चे नारियल का पानी पिलाने से भी लाभ होगा। इससे बच्चे को जरूरी पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ डायरिया से भी राहत मिलेगी।
हाथों में छिपे कीटाणु कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। जानें, जब आप हाथों को नहीं साफ करते हैं, तो कौन सी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
बिहार के औरंगाबाद जिले के नाथू बीघा गांव में बच्चों समेत 40 से अधिक ग्रामीणों के डायरिया (Diarrhea outbreak in Bihar) से पीड़ित होने की खबर है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी नगरपालिका क्षेत्र में मंगलवार को दो लोगों की मौत डायरिया के कारण (Diarrhea in West Bengal) हो गई। वहीं, लगभग 78 अन्य लोगों में डायरिया के शुरुआती और गंभीर लक्षणों के नजर आने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
डायरिया होने के कई कारण होते हैं। इन कारणों को जानकर आप कुछ घरेलू उपचार में हर्बल टी का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
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डायरिया होने के कारणों में कैंसर के उपचार जैसे किमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी से लेकर पेल्विस और बॉयोलॉजिकल थेरेपी तक हो सकते हैं। ये ट्रीटमेंट इसलिए डायरिया का कारण बनते हैं क्योंकि ये हेल्दी सेल्स को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा डायरिया इंफेक्शन, एंटीबायोटिक्स या कब्ज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा के कारण भी हो सकता है। आज हम डायरिया को सही करने के लिए डाइट प्लान बता रहे है।
पूरी दुनिया में दूषित या खराब खाद्य पदार्थ खाने से (Contaminated foods) लाखों लोग कई तरह की बीमारियों (Foodborne Diseases) की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप जो भी खाएं वह साफ हो। घर पर जो भी खाना बनाएं, वो अच्छी तरह से पका हुआ हो। जानें, कुछ फूडबॉर्न बीमारी के कारणों और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीकों के बारे में यहां...
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सर्दियों में बच्चों को कोल्ड डायरिया (Cold Diarrhea) होने का खतरा रहता है. हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार डायरिया या हैजा से बचने के लिए वैक्सिन कारगर होती है. सर्दी में होने वाले डायरिया या हैजा के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में माता-पिता को पता होना चाहिए.
अनार और इसका छिल्का पेचिश (Dysentery: causes, symptoms and treatment) से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे प्राकृतिक उपचार हैं, जो पेचिश या आंव की समस्या से दिलाते हैं छुटकारा।
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दोपहर 12 से 3 तक के बीच में धूप बहुत कड़ी होती है। इस समय घर से बाहर निकलने से बचें।
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जब आपको दस्त या अतिसार की बीमारी होती है, तो समझ में नहीं आता है कि क्या खाया (Foods For Diarrhoea) जाए? कैसा आपका खानपान (Diarrhoea fighter fruits) हो ताकि दस्त से जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाए। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि दस्त, आंव, पेचिश, अतिसार का इलाज जल्द नहीं किया जाएगा, तो शरीर में पानी की कमी हो सकती है। आपको कमजोरी महसूस हो सकती है। अधिकतर लोग दस्त होने पर गीला चावल, कच्चा केला, दही (foods that help fight diarrhea) आदि खाते हैं। आप चाहें, तो दस्त होने पर इन पांच फलों का सेवन (Fruits that help fight diarrhea) कर सकते हैं।
दस्त से शरीर कमजोर हो जाती है। इसमें व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी, चक्कर आना और पेट दर्द जैसी समस्या होती है।
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